प्यार का पंचनामा-2

प्यार का पंचनामा-2

स्टार कास्ट :

कलाकार: कार्तिक आर्यन, नुसरत भरूचा, सोनाली सहगल, ओंकार कपूर, सनी सिंह निज्जर, इशिता शर्मा, शरत सक्सेना

टेक्निकल टीम:

निर्देशन : लव रंजन, निर्माता : अभिषेक पाठक, लेखक : लव रंजन, राहुल मूडी, तरुण जैन  संगीत : शारिब साबरी, तोशी साबरी, हितेश सोनिक गीत : अकरम साबरी, कुमार, दानिश साबरी

कहानी:

कहानी है तीन लड़कों की जो अपनी गर्लफ्रेंड्स द्वारा प्रता‍ड़ित हैं। गर्लफ्रेंड्स को वे प्यार करते हैं, शादी करना चाहते हैं, पैसा खर्च करते हैं, लेकिन गर्लफ्रेंड्स उन्हें ‘यूज‘ करती है। दिल्ली में रहने वाले तीन लड़कों गोगो (कार्तिक आर्यन), ठाकुर (ओंकार कपूर) और चैका (सनी सिंह) अच्छा कमाते हैं। ठाकुर तीन लाख रुपये महीना कमाता है और मौज-मस्ती से रहता है।

इन तीनों की लाइफ में चीकू, सुप्रिया और कुसुम की एंट्री होती है। लड़की के चक्कर में पहले तो ये उनकी हर फरमाइश पूरी करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इन्हें समझ आता है कि लड़कियां इन्हें बेवकूफ बना रही हैं। सुप्रिया से चैका शादी करना चाहता है, लेकिन वह मां-बाप की आड़ लेकर चैका से अपने काम निकलवाती रहती है। बेचारा चैका उसकी मां के साथ शॉपिंग करता है और अंडे तक खरीदता है। उसका प्यार भी सच्चा है, लेकिन सुप्रिया उसे हाथ तक नहीं लगाने देती।

ठाकुर की गर्लफ्रेंड कुसुम उससे खूब खर्चा कराती है और जताती ऐसे है जैसे वह बराबरी में खर्चा कर रही हो। ठाकुर को उससे पूछ कर हर बात करनी होती है और बातों को ट्विस्ट कर वह ठाकुर को गलत साबित करना बखूबी जानती है। वहीं गोगो अपनी गर्लफ्रेंड चीकू से इसलिए परेशान है कि वह उसके बजाय अपने ‘बेस्ट फ्रेंड‘ सनी को ज्यादा महत्व देती है।

साल-डेढ़ साल में गोगो, चैका और ठाकुर की अक्ल ठिकाने आ जाती है। और फिर एक दिन तीनों चीकू, कुसुम और सुप्रिया को लेकर अपने-अपने दिल की भड़ास निकालते हैं। और इनसे किनारा करने की ठान लेते हैं। फिल्म की कहानी किन मोड़ से होकर गुजरती है ये देखने के लिए आपको सिनेमाघर का रूख करना पड़ेगा।

क्यों देखें :

फिल्म में लगातार गुदगुदाने वाले सीन आते रहते हैं जो लड़कों की मनोदशा को अच्छे से दर्शाते हैं। एक खास उम्र में लड़कियों को पाने के लिए लड़के किस हद तक जाते हैं ये बात फिल्म में अच्छे से दिखाई गई है। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो हंसाते हैं।

तीनों लड़कों की ट्यूनिंग जबरदस्त है और उनके साथ वाले दृश्य बेहतरीन बन पड़े हैं। फिल्म के संवाद चुटीले हैं और गुदगुदाते रहते हैं।

लव ने ड्रामे में वाकई में कुछ अलग करने की दमदार कोशिश की है और एक लिव-इन-रिलेशन के पीछे की कहानी को गजब तरीके से परोसा है।

क्यों नहीं देखें:

फिल्म की कहानी में कुछ भी नया नहीं है। लव रंजन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में भले ही कल्पनाशीलता का अभाव है।

फिल्म के गाने भी ऐसे नहीं है जिसे फिल्म देखने के बाद याद रखा जाए। ये फिल्म भी अपने पहले भाग की तरह ही है, लगभग उसी तरह की कहानी और किरदार, जिससे ताजगी महसूस नहीं होती।

विश्लेषण:

अगर आपने इस फिल्म के पहले भाग यानि प्यार का पंचनामा नहीं देखा है तो जरूर जाइए। वैसे दर्शक इस फिल्म को पसंद करेंगे जिन्होंने इसका पहला भाग नहीं देखा।

फिल्म आज के समय को देखते हुए बनाई गई है जिससे आज के युवाओं को सीख भी मिलेगी। इसलिए अगर आप इस वीकेंड खाली है तो फिल्म देखना बुरा खयाल नहीं है।

 

रेटिंग:

2.5

फिल्म का विश्लेषण हमारी साइट niharonline.com का है इसे गंभीरता से नहीं लें।

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