विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा भारत: मोदी

January 17, 2015 | 01:21 PM | 107 Views

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को बडे सपने देखने को कहा और पहली बार देश के लिये आर्थिक और विकास के अफने सिद्धांत को पेश किया। उन्होंने कहा की भारत के नए युग का सूत्रपात हो गया है। देश बगैर उपलब्धियों वाले पतझड़ के मौसम से नए बसंत के मौसम में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने आज वादा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा 2,000 अरब डालर से 20,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके और जोर दिया कि विकास के नतीजे रोजगार अवसरों के रूप में सामने दिखने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार नियमों में बदलाव करेगी, कर व्यवस्था में सुधार करेगी और जरूरतमंद लोगों को ध्यान में रखकर सब्सिडी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, एक सकारात्मक नियामकीय ढांचा, कर व्यवस्था में स्थिरता और कारोबार करना आसान बनाने को तीव्र गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। शुक्रवार को दि एकनमिक टॉइम्स ग्लोबल बिजिनेस सम्मिट को संबोधित करते हुए एक सवाल पूछा, भारत आज 2 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी है। क्या हम इसे 20 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का सपना नहीं देख सकते हैं? हमारी कर व्यवस्था में भारी सुधार की जरूरत है जिसकी पहल की जा चुकी है। मैं गति में विश्वास करता हूं। मैं तेज गति से व्यापक बदलाव लाऊंगा। आप आने वाले समय में इसकी सराहना करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजकाज में सुधार एक सतत प्रक्रिया है और उनकी सरकार ऐसी जगहों पर बदलाव कर रही है जहां नियम व प्रक्रियाएं आज की आवश्यकताओं के मुताबिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में वृद्धि दर पांच प्रतिशत से नीचे रही, राजकाज का स्तर बहुत ही नीचे चला गया था और घोटाले पर घोटाले सामने आए। अब नए युग के भारत का उदय होना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, हमें जो क्षति हुई है उसे ठीक करना है। आर्थिक वृद्धि में तेजी को बहाल करना कठिन कार्य है। इसके लिए बहुत बड़े प्रयास, निरंतर प्रतिबद्धता और मजबूत प्रशासनिक कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन हमें भरोसा है कि हम निराशा की मानसिकता से उबर सकते हैं। मोदी ने कहा कि तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिए राजकाज में पारदर्शिता और कुशलता तथा संस्थागत सुधार बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नीतियों एवं नियमों को आर्थिक वृद्धि के अनुकूल बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जा रहा है, नए दृष्टिकोण एवं नए उपाय किए जा रहे हैं ताकि रेलवे और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में अधिक से अधिक निवेश आकषिर्त किया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एजेंडा की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे के लिए निर्धारित सीमा को भंग नहीं होने दिया जाएगा। मुद्रास्फीति पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा, जीएसटी लागू किया जाएगा तथा जनधन योजना जैसे कार्यक्रमों पर अमल के जरिए गरीबों को वित्तीय प्रणाली से जोड़ा जाएगा तथा रुपये को अधिक उपयोगी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, हम बजट में घोषित राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इस दिशा में व्यवस्थित ढंग से बढ़ा रहे हैं। अनावश्यक खर्चों में कटौती से इसमें मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना के सफल क्रियांव्यन के बाद, हम ऐसा देश बन गए हैं जहां करीब 100 प्रतिशत बैंकिंग है। यह ऐसी सफलता है जिसे सिर्फ चार महीने में ठोस प्रयास के माध्यम से हासिल किया जा सका है। उन्होंने पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के कंप्यूटराइजेशन के लिए व्यापक राष्ट्रीय कार्यक्रम की घोषणा की है जिसके अंदर भारत के सबसे अहम समाजिक कल्याण कार्यक्रम में क्रांति लाने की क्षमता है। उन्होंने बताया, एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) गोदाम से राशन दुकान और गोदाम तक पूरे पीडीएस सप्लाई चैन को कंप्युटराइज किया जाएगा। तकनीक से कल्याण और सक्षम फूड डिलिवरी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी को नकद में देने का कार्यक्रम विश्व में लाभ के नकद अंतरण का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। हम अन्य योजनाओं में भी लाभ के नकद अंतरण की योजना बना रहे हैं। सरकार की भूमिका के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा, पुलिस और न्याय व्यवस्था जैसे सार्वजनिक कार्यों की जिम्मेदारी सरकार की होती है। इसके अलावा, उस पर प्रदूषण नियंत्रण, और बाजार में एकाधिकार जैसी प्रकृतियों को रोकने की भी जिम्मेदारी है क्योंकि इनसे दूसरों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, हमें सक्षम, कारगर और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की जरूरत है। भारत इस समय 2,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था है। क्या हम इसे 20,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना नहीं संजो सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तीव्रता से आगे बढ़ाने के लिए शीघ्र और आसानी से होने वाले सुधारों की ही जरूरत नहीं है। सुधार अपने आप में ही सबकुछ नहीं होते। उनका ठोस उद्देश्य होना चाहिए और यह उद्देश्य जन कल्याण में सुधार वाला होना चाहिए। ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों पर उन्होंने कहा कि कोयला और अन्य खनिजों के आवंटन की नीलामी पर आधारित पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है। बिजली क्षेत्र में भी इसी तरह के सुधार किए जाएंगे ताकि सातों दिन व चौबीस घंटे बिजली सुलभ हो। मोदी ने कहा कि भारत को निवेश की एक आकर्षक जगह बनाने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने बीमा, जमीन जायदाद, रक्षा उत्पादन और रेलवे के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में ढील दिए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन से बुनियादी ढांचे एवं विनिर्माण उद्योग को गति देने के साथ साथ किसानों के मुआवजे के अधिकार की भी रक्षा की गई है।

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