बेटी को पढ़ाने से क्यों सोचते हैं : मोदी

January 22, 2015 | 04:27 PM | 275 Views

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को हरियाणा के पानीपत से की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक हजार बालक पैदा हों तो, एक हजार बालिका भी पैदा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैं मां-बाप से पूछता हूं कि बेटी पैदा नहीं होगी तो बहू कहां से लाओगे? बेटी को पढ़ाने से पहले 50 बार क्यों सोचते हैं? समाज हो, परिवार हो, गांव हो सबकी एक सामूहिक जिम्मेवारी है। जब तक हम इस समस्या के लिए संवेदनशील जागरुक नहीं होंगे तो हम अपना ही नुकसान नहीं करेंगे, हम आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी तक भयंकर संकट को आमंत्रण दे रहे हैं। मोदी ने आगे कहा कि किसी को भी बेटियों को मारने का हक नहीं है। लोग कहते हैं कि बुढ़ापे में बेटा ही सेवा करेगा, यह सोच गलत है अगर बुढ़ापे में बेटे काम आते तो 50 सालों में जितने वृद्ध आश्रम खुले हैं उतने नहीं खुले होते, ऐसी सैकड़ों बेटियां हैं जो अपने मां-बाप की सेवा के लिए अपने सपनों को त्याग कर देती हैं। देश में गिरते लिंगानुपात के बारे में अगर अभी नहीं सोचा गया तो आने वाली पीढ़ी को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा, हम तो बेटी को मां का चेहरा भी नहीं देखने देते -बेटियों की रक्षा करना डॉक्टरों की भी जिम्मेदारी हैं।

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