भारत की विश्व कप तैयारियों को लगा झटका

January 23, 2015 | 05:13 PM | 59 Views

इसे अगले महीने होने वाले वनडे विश्व कप के लिये ड्रेस रिहर्सल माना जा रहा था लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान चयन संबंधी मसलों को लेकर जूझ रही है और क्रिकेट महाकुंभ के लिये अच्छा संयोजन खोजने में नाकाम रही है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों में हारने के बाद इसमें संदेह नहीं किया जा सकता है कि भारत की विश्व कप की तैयारियों को झटका लगा है। इस त्रिकोणीय श्रृंखला को भारत के विश्व कप में अपने खिताब को बचाने के अभियान के लिये ड्रेस रिहर्सल माना जा रहा था लेकिन अभी स्थिति ऐसी बनी हुई है कि भारत एक फरवरी को होने वाले त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में जगह बनाने से भी महरूम रह सकता है। वनडे में जब से दो नयी गेंदों का नियम लागू हुआ तब से कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सात बल्लेबाजों के साथ खेलने से हिचकिचाते रहे हैं। अब दारोमदार पांच पूर्णकालिक गेंदबाजों पर है और कामचलाऊ गेंदबाजों पर उनकी निर्भरता कम हो गयी है। अब धीरे धीरे भारत ऐसी टीम बन गया है जो परिस्थितियां कैसी भी हों वनडे में छह मुख्य बल्लेबाजों के साथ खेलता है। इससे धोनी की नंबर छह बल्लेबाज के रूप में मैच को समाप्त करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित हो गया है और सुरेश रैना की नंबर पांच पोजीशन पर भी दबाव बढ़ गया है। भारत ने मध्यक्रम में अपना दांव खेला है और बल्लेबाजी लाइन अप को अधिक मजबूत करने के लिये विराट कोहली को उनके पसंदीदा नंबर तीन के बजाय नंबर चार पर उतारा जा रहा है। शीर्ष क्रम की जिम्मेदारी शिखर धवन, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे पर है और इनमें से अब तक केवल एक खिलाड़ी रोहित ने अच्छी फॉर्म दिखायी है। चोटिल रविंद्र जडेजा की अनुपस्थिति भारत को काफी खल रही है। पिछले दो वर्षों में टीम प्रबंधन ने उन्हें नंबर सात बल्लेबाज की भूमिका निभाने के लिये तैयार किया था। इसके बाद आर अश्विन और भुवनेश्वर कुमार आते हैं। निचले क्रम के बल्लेबाज भी थोड़ा योगदान देने में सक्षम हैं लेकिन सौराष्ट्र का आलराउंडर जडेजा पूरी फिटनेस हासिल करने के बाद ही वापसी कर पाएगा और ऐसे में युवा अक्षर पटेल को उनके स्थान पर आजमाया जा रहा है। धोनी ने कहा, हम सभी जानते हैं कि अश्विन और कुमार दोनों बल्लेबाजी कर सकते हैं लेकिन वे बड़े मैदान पर आसानी से छक्के नहीं जड़ सकते हैं। जब मैं छठे नंबर पर उतरता हूं तो मुझे शाट जमाने और आउट होने से बचने के बीच संतुलन बनाना पड़ता है और ऐसा करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, इसलिए हमें जडेजा की वापसी तक इंतजार करना होगा क्योंकि वह नंबर सात पर हिटिंग करने की भूमिका निभा सकता है। हम सभी जानते हैं कि अक्षर बल्लेबाजी कर सकता है और उसे इन मौकों का फायदा उठाना चाहिए। भविष्य में उसे भी जडेजा की भूमिका निभाने के लिये तैयार किया जा सकता है। दो मैचों में दो शून्य के बाद साफ हो गया कि अक्षर के लिये ऑस्ट्रेलिया में लंबे शॉट खेलना आसान नहीं है। समय भी निकलता जा रहा है क्योंकि जडेजा की फिटनेस को लेकर अभी तक कोई खबर नहीं मिली है। विश्व कप से पहले नंबर सात की भूमिका ज्यादा चर्चा में रहेगी। पंद्रह सदस्यीय टीम में स्टुअर्ट बिन्नी को शामिल करने को लेकर बड़ी चर्चा हुई लेकिन अब लगता है कि टीम प्रबंधन की रणनीति स्पष्ट थी कि वह क्या करना चाहते हैं।

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