प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार के दिन दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वैश्विक अक्षय़ ऊर्जा के क्षेत्र में आयोजित रीइंवेस्ट 2015 कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके दौरान उन्होंने ऊर्जा संरक्षण को आज के समय की जरूरत बताते हुए कहा कि हम एक ही समय में अपनी गति और विकास को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाना चाहते हैं। ऊर्जा क्षेत्र उन्हीं क्षेत्रों में से एक है, जिसका हमें तीव्रगति से विकास करना है, यह मानवजाति के विकास में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। मोदी ने पहले नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो रिइन्वेस्ट 2015 के उद्घाटन के मौके पर कहा कि मानवजाति के विकास के लिए ऊर्जा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है औऱ एक तरफ जहां पहले देश में बिजली की चर्चा होने पर हम मेगावाट की बात कहते थे आज हम गीगावाट की बात करते हैं, यह ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे विकास को दर्शाता है। ऊर्जा संरक्षण को समय की जरूरत बताते हुए मोदी ने कहा कि हम सिर्फ ख्याति के लिए ही नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, विज्ञान भवन में ऊर्जा मंत्रआलय की और से अक्षय़ ऊर्जा के क्षेत्र में आयोजित सम्मेलन व प्रदर्शऩी के दौरान भारत से अंधेरे को दूर करना ही नहीं बल्कि गरीबों के घरों में भी बिजली पहुंचाना चाहते हैं।इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्रई ने अक्षय ऊर्जा को बढावा देने और उसमें निवेश करने पर जोर दिया।मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में हम सौर ऊर्जा को अार्थिक रूप से और व्यवहार्य बनाने के लिये एक अच्छी स्थिति में होंगे। हम प्रकृति से प्रेम करते है, हम हीं तो है जो नदी को मां मानते है, यह हमारे स्वभाव है, जलवायु परिवर्तन से मानव जाति को रक्षआ करने का तरीका अगर कोई दिखा सकता है तो वो सिर्फ भारत है। सब के दिल में इस भावना के साथ अपने अंदर की ऊर्जा को पहचान जरूरी है।