मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के आखिरी दिन दक्षिण कोरिया के मुख्य कार्यकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक साल में राजनीति, शासन प्रणाली और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बहाल की है।उन्होंने कहा लेकिन हम यहीं नहीं ठहरने वाले हैं।हमें बहुत बेहतर करना है और हम करेंगे।वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत को कारोबार के लिए सुगम गंतव्य बनाने के लिए पूरे जोश-खरोश के साथ काम कर रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) महत्वपूर्ण है और यह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल के बिना भारत नहीं आएगा।उन्होंने कहा इसलिए हम भारत को कारोबार के लिहाज से बेहद सुगम गंतव्य बनाने की दिशा में पूरे जोश-खरोश के साथ काम कर रहे हैं।सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, इस्पात निर्माण, रेलवे, पोत निर्माण और आवास जैसे क्षेत्रों में कोरियाई कंपनियों के साथ गठजोड़ की आकांक्षा जताते हुए मोदी ने कहा कोरियाई निवेशकों के सहयोग के लिए एक प्रतिबद्ध प्रणाली तैयार की जा रही है इसे कोरिया प्लस के तौर पर जाना जाएगा।इसके अलावा मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यदि कोई समस्या होती है तो मैं व्यक्तिगत तौर पर इस पर ध्यान दूंगा।मोदी ने कहा हमारा मानना है कि देश में निवेश आकर्षित करने के लिए कारोबार सुगम बनाना महत्वपूर्ण तत्व है।उन्होंने कहा कि सरकार कराधान प्रणाली को अपेक्षाकत अधिक स्थिर, भरोसेमंद और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।मोदी ने कहा हमने कराधान के कई मामले सुलझा लिए हैं, जो विदेशी निवेशकों को प्रभावित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरंभिक पहलों के अच्छे नतीजे मिले हैं।निजी निवेश का रुझान और विदेशी निवेश का प्रवाह सकरात्मक रहा है। उन्होंने कहा हमारी वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक है।एशिया के विकास को इस युग की महानतम घटना करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद समेत वैश्विक संस्थानों के प्रशासन में सुधार के लिए एशियाई के रूप में काम करना चाहिए।मोदी ने कहा कि भारत का विकास एशिया की सफलता की कहानी होगी और यह एशियाई सपने को एक बड़ी हकीकत बनाने में मदद करेगा।