सरदार का दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी : मोदी

October 31, 2015 | 11:10 AM | 5 Views
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महात्मा गांधी ने देश को आज़ादी दिलाई लेकिन आजादी को एकता के कड़ियों में जिस शक्सियत ने बांधा उसका नाम है सरदार वल्लभ भाई पटेल। वो आज भी हिंदस्तान के सव्वा सौ करोंड लोगों के दिलों में लोह पुरुष बनकर धड़कते हैं और आंखों में सरदार बनकर बसते है।

भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 140वीं जयंती है. देश पटेल की 140वीं जयंती मनाने जा रहा है तो ये सवाल भी जश्न और श्रद्धा की फिजाओं में घुला है कि क्या पटेल के साथ नाइंसाफी हुई? क्या नरेंद्र मोदी सरदार पटेल को इतिहास में वो दर्जा दिलवाना चाहते हैं, जिसके वो हकदार थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार साहब सच्चे सेक्युलर थे, हम भी कहते है कि देश को सरदार साहब जैसा सेक्युलरिजम चाहिए। वोट बैंक वाला सेक्युलरिजम नहीं चाहिए।

मोदी ने शनिवार को अहमदाबाद में चुनावी सभा की। इस दौरान उन्‍होंने कहा, 'यदि सरदार पटेल नहीं होते तो जूनागढ़ जाने के लिए वीजा लेना पड़ता. यही नहीं हम हैदराबाद की धरती पर कदम नहीं रख पाते।

सरदार पटेल ने देश को खंड-खंड होने से बचाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन आज उनके नाम पर सियासत जोर पकड़ रही है। हर कोई सरदार पटेल से अपना सियासी नाता जोड़ रहा है।

नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने की घोषणा की और साथ ही मूर्ति बनाने के नाम पर लोहा इकट्ठा करने के लिए देश को दौड़ा दिया।

प्रस्तावित सरदार पटेल की मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। इसकी ऊंचाई 182 मीटर होगी और इसका चेहरा नर्मदा बांध की ओर होगा। यह अमेरिका की मशहूर 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से दोगुना ऊंची होगी।

2500 करोड़ के खर्च वाली इस योजना को मोदी ने बड़ी चालाकी से प्रदेश के विकास, आकर्षण, देश के गौरव और पटेल के सपने से जोड़ा।

मोदी ने संकेतों में कहा कि सरदार पटेल की यह प्रतिमा भारत को वैसा स्थान दिला सकती है जैसा चीन को उसके विकसित शहर शंघाई ने या जापान को बुलेट ट्रेन ने दिलाया।

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