प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दंतेवाड़ा का दौरा किया।वहां सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हिंसा की राह पर चलने वाले दो-पांच दिनों के लिए बंदूक छोड़ कर सामान्य ग्रामीण की तरह बिना अपना परिचय दिए उन बच्चों के पास जाएं,जिनके परिवार, माता-पिता उनकी हिंसा के शिकार हुए हैं।मोदी ने कहा कि उन बच्चों की पीड़ा और उनका दर्द आपके हृदय को बदल कर रख देगा।मोदी ने नक्सलियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कोई सरकार और कोई कानून आपके दिल में वह भावना नहीं जगा पाएगी जो ऐसे पीड़ित बच्चों के साथ बिताए हुए पल आपके भीतर भावना जगाएंगे।मोदी ने संबोधन के दौरान नक्सलियों के हृदय परिवर्तन का आहवाहन किया।उन्होंने नक्सलियों से आग्रह किया कि यदि वे कुछ दिन ऐसे पीड़ित बच्चों के साथ बिताएंगे,तब उनका हृदय परिवर्तन होना तय है।मोदी ने कहा कि उन बच्चों को यह न बताएं कि आप कौन हैं।मुझे विश्वास है कि वह बच्चा आपके हृदय को इतनी गहराई से छुएगा कि आप भी अंदर से हिल जाएंगे कि आपने हिंसा के नशे में क्या खोया है और क्या पाया है और आपसे कैसा पाप हुआ है। आप की गोलियों से पीड़ा पाने वाला बच्चा आपको अवश्य यह शिक्षा देगा कि हिंसा से कभी समस्या का समाधान नहीं हुआ है और न होगा।साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने उन बच्चों को शिक्षा और ज्ञान का वह रास्ता सिखाया और उनके हाथ में कलम थमा दी जिन बच्चों के हाथों में नक्सली बंदूक और तलवार थमाना चाहते थे।