सितंबर के अंतिम सप्ताह में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें वार्षिक अधिवेशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सैन फ्रांसिस्को की यात्रा करने की उम्मीद है।इस तरह वह अमेरिकी पश्चिमी तट की यात्रा करने वाले चैथे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।अमेरिका खासकर पश्चिमी तट और सिलिकॉन वैली में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी की सैन फ्रांसिस्को यात्रा के फैसले का स्वागत किया है।सैन जोस के एसएपी सेंटर में उनके शानदार स्वागत के लिए जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। सैन फ्रांसिस्को के आसपास के शहरों को सिलिकॉन वैली के नाम से जाना जाता है।1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव की यात्रा को छोड़कर मोदी की प्रस्तावित सैन फ्रांसिस्को यात्रा से चार दशकों के अंतराल के बाद भारतीय प्रधानमंत्री के न्यूयार्क या वाशिंगटन डीसी के अलावा अन्य अमेरिकी शहरों की यात्रा की परंपरा फिर शुरू होगी।अमेरिकी विदेश विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, अब तक दो भारतीय प्रधानमंत्रियों 1949 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1978 में मोरारजी देसाई ने सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया है।सैन फ्रांसिस्को भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा रहा है।आजादी की लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाने वाली गदर पार्टी का यहां मुख्यालय था।