प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानि मनरेगा के लिए आवंटित किए गए पैसे का उपयोग सूखे से निपटने के लिए ‘जल संचयन‘ के लिए होना चाहिए।
मोदी 10वें सिविल सर्विसेज डे के पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सकारात्मक बदलाव के लिए एक हितकर माहौल के लिए जिला प्रशासनों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान भी किया।
मोदी ने मनरेगा का जिक्र करते हुए कहा कि गांवों में हर कोई जिंदगी में बदलाव चाहता है। मनरेगा पर बहुत पैसा खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं देश में सूखे की स्थिति से वाकिफ हूं। जल संकट है लेकिन यह भी सच है कि मानसून अच्छा रहने की संभावना जताई गई है।