भारत ने यमन में फंसे लगभग 4 हजार नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इस काम में विमानों व कम से कम पांच जहाजों को लगाया जा रहा है।भारतीय नौसेना ने यमन में फंसे 350 भारतीयों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की है। सभी को आईएनएस सुमित्रा के जरिए यमन के पडोसी देश जिबूती ले जाया गया है। यमन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित प्रधानमंत्री को सोमवार को सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल साउद ने यह भारतीयों को सुरक्षित निकालने में पूरी सहायता का आश्वासन दिया था। सूत्रों के अनुसार अदन की खाड़ी में दस्यु विरोधी अभियानों में शामिल एक अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को वहां से हटाकर यमन से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए यमन की ओर रवाना किया गया था। पोत यमन के समुद्र क्षेत्र के ठीक बाहर है और अदन में तेज गोलीबारी के बीच यमन में घुसने की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। योजना के तहत आईएनएस सुमित्रा अदन में फंसे कम से कम 400 भारतीयों को जिबौती ले जाएगी।आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और राडार की पहुंच से बाहर आईएनएस तरकश मुंबई से रवाना किए गए हैं। यह जहाज गुरुवार 2 अप्रैल को अरब महासागर में मिलेंगे और एक साथ जिबौती की तरफ बढ़ेंगे।यह भारतीयों को मुंबई और कोच्चि वापस लेकर आएंगे, जब तक चारों भारतीय जहाज जिबौती पहुंचेंगे, भारतीय वायुसेना बहुत सारे भारतीयों को वापस ला चुकी होगी। इसके बाद बाकी भारतीयों को जहाजों में भरकर वापस देश लाया जाएगा।