क्या आप यह बात जान ते हो... धूमपान से कैंसर होने की आशंका तो रहती ही है, इसका याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लंबे समय तक धूमपान करते रहने से दिमाग के नाजुक हिस्से सिकुड़ जाते हैं।ताजा शोध में पाया गया है कि जो लोग लंबे समय से धूमपान कर रहे हैं, उनमें याददाश्त, भाषा और समझ से जुड़ी परेशानियां पैदा होने की आशंका रहती है। वैज्ञानिकों के अनुसार धूमपान दिमाग की बाहरी परत कोर्टेक्स के पतले होने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। बड़ी उम्र में कोर्टेक्स के पतलेपन का संबंध बातों को समझने की शक्ति के कम होने से होता है। प्रमुख शोधकर्ता शेरिफ करामा ने कहा है कि धूमपान करने वालों को पता होना चाहिए कि उनकी यह आदत कोर्टेक्स के पतलेपन को बढ़ा सकती है, जिसका दुष्परिणाम उन्हें याददाश्त और समझ कम होने के रूप में भुगतना पड़ सकता है।करामा कनाडा में मैकगिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं।