देश में बढ़ती सहिष्णुता और असहिष्णुता की इस बहस के बीच एक और जाना माना चेहरा शामिल हो गया है। असहिष्णुता के विरोध में फिल्मकारों, वैज्ञानिकों, लेखकों द्वारा सम्मान लौटाए जाने की घटनाओं के बीच साउथ से सुपर स्टार कमल हासन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सम्मान वापस करने से कुछ नहीं होगा। मैं अपना सम्मान वापस नहीं करूंगा।
कमल हासन ने कहा कि अपनी बात रखने के और भी तरीके हैं। उन्होंने कहा कि 1947 से ही देश में असहिष्णुता है और इसी वजह से भारत का विभाजन हुआ था। हर 5 साल में असहिष्णुता पर बहस होनी चाहिए और इस पर रोक लगनी चाहिए।
हासन ने कहा कि मैं धार्मिक व्यक्ति नहीं हूं लेकिन मैं हर धर्म की इज्जत करता हूं। अगर अवॉर्ड वापस किए जाते हैं तो इससे कुछ नहीं बदलने वाला। अवॉर्ड वापस करने से मुद्दे को कुछ तवज्जो जरूर मिल जाएगी, लेकिन अगर वह लिखें तो मुद्दे पर इससे ज्यादा लोगों का ध्यान जाएगा। लेखकों और कलाकारों को भी अपनी तरफ से ज्यादा सहिष्णु होना पड़ेगा।
2 नवंबर को बॉलीवुड के सुपर स्टार शाहरुख खान ने अपने 50वें जन्मदिन पर कहा ता कि देश में अत्यंत असहिष्णुता का माहौल है। इसके विरोध के तौर पर यदि पुरस्कार लौटाने की नौबत आई तो उसमें संकोच नहीं होगा। शाहरुख खान कई अन्य पुरस्कारों के अलावा पद्मश्री से नवाजे जा चुके हैं।