मुबंई उच्च न्यायालय ने साल 2002 के हिट एंड रन मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर आज रोक लगा दी, जिसमें उन्हे पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।उच्च न्यायालय ने सलमान खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सलमान खान की जमानत अवधि को बढ़ा दिया और सत्र न्यायालय द्वारा दी गई सजा पर स्थगन आदेश दिया। न्यायमूर्ति अभय टिप्से ने दोनो पक्षों की बात सुनने के बाद सलमान खान की दो दिन की अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया और सजा पर स्थगन आदेश दिया।इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सलमान को दी गई अंतरिम जमानत रद्द करने संबंधी याचिका को मंजूरी दे दी है। यह याचिका अखिलेश चैबे की ओर से वकील वी. मिश्रा ने गुरुवार को दायर की।अखिलेश का आरोप है कि बांबे हाईकोर्ट ने बहुत जल्दबाजी में सलमान की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुना दिया।हिट एंड रन मामले में सलमान खान को पांच साल जेल की सजा सुनाने वाले सेशंस कोर्ट के जज डीडब्ल्यू देशपांडे ने विस्तृत फैसले में कहा है कि सलमान को बखूबी मालूम था कि नशे में लापरवाही से गाड़ी चलाने से किसी की जान जा सकती है।अगर सलमान ने वाकई कुछ गलत नहीं किया था तो पुलिस के पास जाने की बजाय वह घर क्यों भाग गए।240 पन्नों के फैसले में जज ने कहा कि सलमान एक बड़े अभिनेता हैं और दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए काफी कुछ कर सकते थे। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।अगर सलमान ने अपराध नहीं किया था तो वह लोगों से कह सकते थे कि ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।जज देशपांडे ने कहा कि सलमान ने घायलों को अस्पताल जाकर देखने, इलाज में मदद करने या पुलिस के साथ दोबारा घटनास्थल पर पहुंचने जैसा कोई सकारात्मक कदम भी नहीं उठाया। उन्होंने यह तर्क दिया कि 13 साल के मुकदमे के आखिरी वक्त सलमान ने अपनी गवाही में खुलासा किया कि उनका ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था।बचाव पक्ष ने इससे पहले कभी ऐसा दावा नहीं किया।