सुरों की मल्लिका लता मंगेश्कर आज 85 साल की हो गईं। गायिका के रूप में लता के आवाज के दिवाने देश हीं नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं।मंगेश्कर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इंदौर के मराठा परिवार में हुआ था।लता के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था।उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे।इनके परिवार से हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंषले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना।जब लता सात साल की थीं तब वो महाराष्ट्र आईं।लता ने पाँच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय करना शुरु कर दिया था।
पहली बार लता ने वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फिल्म कीर्ती हसाल के लिये गाया। लता जब 13 साल की थीं तो उनके पिता की मृत्यु हो गई।लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वजह से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम करना पड़ा।अभिनेत्री के रुप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया जिनमें ‘माझे बाल‘ चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी।
1945में उस्ताद गुलाम हैदर अपनी आनेवाली फिल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमें कामिनी कौशल मुख्य भूमिका निभा रही थी। वे चाहते थे कि लता उस फिल्म के लिये पार्श्व गायन करें लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म में लता को गाने का मौका दिया। इस फिल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। हालांकि इसके बावजूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।
1949 में लता को ऐसा मौका फिल्म ‘महल‘ के ‘आयेगा आनेवाला‘ गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फिल्माया गया था। यह फिल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।अपने फिल्मी करियर में लता ने अब तक 30 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाएं।