मोदी का विरोध करने वाले छात्र संगठन पर IIT ने लगाया बैन

May 29, 2015 | 01:19 PM | 1 Views
iit_madras_punishes_students_group_accused_of_critisizing_modi_government_niharonline

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर मिली गुमनाम शिकायत के बाद आईआईटी-मद्रास ने दलित स्टूडेंट्स के एक फोरम पर बैन लगा दिया है। आईआईटी के छात्रों ने अप्रैल 2014 में अंबेडकर पेरियार स्टूडेंट सर्कल (एपीएससी) नाम से एक डिस्‍कशन फोरम बनाया था। इस फोरम के बारे में किसी ने मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को शिकायत भेजी थी कि इसके जरिए एससी-एसटी स्‍टूडेंट्स को इकट्ठा कर गोमांस पर प्रतिबंध और हिंदी के इस्‍तेमाल को लेकर मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। स्‍मृति इरानी के इस मंत्रालय की ओर से आईआईटी मद्रास को चिट्ठी लिख कर इस बारे में अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था।एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इस संबंध में केंद्र सरकार में अंडर सेक्रेटरी प्रिस्का मैथ्यू की ओर से 15 मई को एक पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया था,अंबेडकर-परियार स्टूडेंट सर्कल द्वारा बांटे जा रहे पैंफलेट को लेकर आईआईटी-मद्रास के छात्रों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसकी कुछ कॉपी भेजी जा रही है। इस संबंध में जितना जल्दी हो सके, संस्था अपने पक्ष मंत्रालय के सामने रखे।मंत्रालय से पत्र जारी होने के बाद 24 मई को आईआईटी डीन (स्टूडेंट्स) शिवकुमार एम श्रीनिवासन ने दलित स्टूडेंट्स संगठन (एपीएससी) के को-आर्डिनेटर्स को मेल भेज कर उन्हें अपनी गतिविधि रोकने के लिए कहा। दलित संगठन का आरोप है कि एचआरडी मंत्रालय का पत्र आने के बाद ही आईआईटी ने प्रतिबंध लगाया है। शिकायतों के पीछे दक्षिणपंथी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है। आरोप है कि बैन लगाने के पहले संस्था की कोई दलील तक नहीं सुनी गई। एपीएससी के एक सदस्य का कहना है, हम इस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं कि हमें अपनी सफाई का मौका तक दिए बिना ही सर्कल को अमान्य घोषित कर दिया गया। हम डीन से मिले तो उनका कहना था कि सर्कल विवादास्पद गतिविधियों में शामिल है। हमारा रुख साफ है, हमने संस्थान द्वारा मिली सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं किया है।वहीं ग्रुप पर बैन को आईआईटी- मद्रास के डीन शिवकुमार एम श्रीनिवासन सही बता रहे हैं। उनके मुताबिक, जांच में पता चला है कि एपीएससी ने इस मामले में बेसिक कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है और मिली छूट का बेजा इस्तेमाल किया है। ऐसी स्थिति में एक्शन लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

ताजा समाचार

सबसे अधिक लोकप्रिय