मोदी सरकार के खिलाफ अन्ना का आंदोलन

January 29, 2015 | 12:19 PM | 43 Views

भ्रष्टाचार के खिलाफ 2011 में देशव्यापी आंदोलन छेड़ने वाले अन्ना हजारे अब केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और इस बार भी मुद्दा जनलोकपाल की नियुक्ति होगा।फरवरी द्वीतीय सप्ताह में टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक दिल्ली में होगी, जिसमें आंदोलन की दिशा तय होगी. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अन्ना का यह ऐलान बीजेपी की चिंताएं बढ़ा सकता है। महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में अन्ना ने कहा, मोदी ने भ्रष्टाचार पर अपना वादा नहीं निभाया। नई सरकार को जितना समय देना चाहिए था, उतना दे दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव से पहले जो आश्वासन दिया वह पूरा नही किया, िजससे मैं सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा और काले धन के मसले पर केंद्र सरकार से नाखुश हूँ। तीन स्विस बैंक खाताधारकों के नाम सामने आने के बाद भी अन्ना ने मोदी को चिट्ठी लिखकर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। अन्ना ने उस चिट्ठी में लिखा था कि वह संसद के शीत सत्र तक इंतजार करेंगे, उसके बाद भी अगर काला धन वापस लाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वह मोदी के खिलाफ जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरेंगे। अन्ना ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था, आपने काला धन वापस लाने का वादा किया था. अब 100 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है और आपने सिर्फ तीन नाम बताए हैं और कोई कार्रवाई नहीं की।एक समय भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए के खिलाफ आंदोलन करने वाले अन्ना ने मोदी को लिखा, आपने यह भी कहा था कि काला धन वापस आने के बाद हर नागरिक के अकाउंट में 15 लाख रुपये आ जाएंगे. मैं संसद का शीत सत्र समाप्त होने तक इंतजार करूंगा। उसके बाद मैं भारी जनसमूह के साथ मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा।

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