गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरूवार को कहा कि उन्हें केजरीवाल की क्या, किसी की भी जरूरत नहीं है। साथ ही कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल को अपने आंदोलन में शामिल नहीं करेंगे। अगर जरूरत पडी तो दिल्ली सरकार के खिलाफ भी आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, केजरीवाल भले ही मेरे सहयोगी रहे हैं, लेकिन अगर भ्रष्टाचार की लडाई की बात आएगी तो दिल्ली सरकार के खिलाफ भी आंदोलन करेंगे। राजनीति दलों को अपने आंदोलन में शामिल करने से इनकार करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि संसद में सरकार को विपक्ष घेरेगा और बाहर हम लोग। हजारे ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मैंने बयान दिया था कि मोदी और राहुल दोनों के दिमाग में उद्योगपति बैठे हुए हैं इसलिए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में संशोधन को लेकर पीएम मोदी उनकी राय नहीं लेंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि मेरे इस बयान की वजह से दोनों को मुझसे एलर्जी है। मोदी सरकार किसानों से उनकी जमीन छीनना चाहती है और उन्हें इसके खिलाफ अदालत जाने की इजाजत भी नहीं देती है।