बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के रतलाम-झाबुआ क्षेत्र से सांसद दिलीप सिंह भूरिया का आज गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज के चलते गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज पूर्वाह्न लगभग 11 बजे हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया।उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटी और चार बेटियां हैं।भूरिया का जन्म 19 जून 1944 को हुआ था और वह सबसे पहले 1972 में कांग्रेस टिकट पर पेटलावद सीट से विधायक चुने गए थे।लोकसभा के लिए वह पहली बार 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित हुए।वह झाबुआ से 1996 तक लगातार पांच बार चुने जाते रहे।हालांकि इसी दौरान कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से आदिवासी मुख्यमंत्री के मुद्दे पर मतभेद होने की वजह से भूरिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।बीजेपी ने 1998 के संसदीय चुनाव में भूरिया को झाबुआ सीट से टिकट दिया लेकिन वह कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया से चुनाव हार गए।लेकिन 2014 का चुनाव जीतकर वह एक बार फिर संसद पहुंचे थे।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि भूरिया का अंतिम संस्कार झाबुआ जिले में उनके पैतृक गांव माछिला में कल किया जाएगा।