इस कहते है वाह भई वाह...इसे कहते है राजनीति

January 30, 2015 | 04:55 PM | 19 Views

इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस को जहां राहुल गांधी और सोनिया गांधी सुधारने की जुगत में लगे है वहीं दूसरी ओर उसके अपने वरिष्ठ और काबिल नेताओं के विरोध ने उनकी कोशिशों का नाकाम कर दिया है। यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहीं जयंती नटराजन ने कहा कि कांग्रेस अब पहले जैसी मूल्यों वाली पार्टी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि मेरे लिए ये बहुत दुखद दिन है। कांग्रेस नेता जहां राहुल और सोनिया गांधी के बचाव में उतर आए हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि नटराजन के आरोपों पर राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए। एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयंती नटराजन ने कहा, मैं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध थी, लेकिन राहुल गांधी के कार्यालय से अनुरोध आते रहते थे। राहुल गांधी की कई योजनाओं में दखल थी। नियामगिरि योजना को भी राहुल ने ही रुकवाया था। जयंती नटराजन के आरोपों के बाद आरोप-प्रत्‍यारोप का सिलसिला भी जारी हो गया है। वहीं कई कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के बचाव में उतर गए हैं और भाजपा ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। जयंती नटराजन ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की ओर से वो लगातार उपेक्षित होती रही हैं। राहुल गांधी ने कभी भी उनकी इज्जत नहीं की। राहुल गांधी की ओर से हो रहे पिछले एक साल की उपेक्षा और अपमान ने उनके 30 साल के राजनीतिक जीवन को तबाह कर दिया। सभी को सोंचने की बात यह है कि जब कुछ नहीं बोली नटराजन अब क्यों इतना बडी फैसला करली...यह तो जरूर सोंचना ही होगा, क्योंकि सोनिया और राहुल गांधी पर जयंती नटराजन जो आरोप लगा रही हैं, उनका कोई आधार नहीं है। जयंती के पास अपनी बात साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। आखिर नटराजन उस वक्‍त क्‍यों चुप रहीं, यह बड़ा सवाल है। नटराजन के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि उनको दूसरी पार्टी द्धारा जरूर कुछ देने का आश्‍वासन दिया गया है।

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