3206 जेबीटी शिक्षखओं की अवैध नियुक्ति के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने चौटाला को 22 जनवरी 2013 को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। जाहिर तौर पर कोर्ट के आदेश के बाद इंडियन नेशनल लोकदल सुप्रिमों ओमप्रकाश चौटाला का राजनीतिक करियर अब अधर में है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को राज्य में 2 हजार शिक्षकों की अवैध नियुक्ती के मामले में गुरुवार को दस साल जेल की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला उस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और इस नाते घोटाले के लिये ज्यादा जिम्मेदार है, यह बहुत बडा अपराध है कि प्रेदेश का सीएम खुद इस तरह के घोटालों में शामिल रहे।न्यायालय ने चौटाला तथा उनके बेटे को सजा सुनाने वाली निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी सभी 55 अपीलों को भी खारिज कर दिया। चौटाला के वकील डीके शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, कोर्ट ने ओपी चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला की सजा को बरकरार रखा है। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अब हम सुप्रिम कोर्ट में अपील करेंगे। उधर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला की सजा में कोई कमी नहीं की है। साथ ही दोषियों की ओर से दायर की गईं सभी अपील कोर्ट ने खारिज कर दी हैं।