जयललिता से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय में पेश होने के लिए वकील भवानी सिंह को विशेष सरकारी वकील के रूप में नियुक्त करने का कोई अधिकार तमिलनाडु सरकार के पास नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति कानूनन अनुचित है। वह अन्नाद्रमुक प्रमुख समेत अन्य दोषियों की अपीलों की नए सिरे से सुनवाई का समर्थन नहीं करती। विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति के कानूनी प्रावधानों के बारे में पीठ ने कहा कि सिंह की नियुक्ति सिर्फ निचली अदालत में सुनवाई के लिए थी। शीर्ष अदालत ने विशेष सरकारी वकील के रूप में सिंह की नियुक्ति के मुददे पर अपना फैसला 22 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि यह नियुक्ति प्रथम दृष्टया अनियमितताओं से घिरी लगती है लेकिन वह उच्च न्यायालय के समक्ष नए सिरे से सुनवाई की अनुमति नहीं देगी।