दोनों देशों में कारोबार करने के नियम आसान

January 27, 2015 | 11:21 AM | 22 Views

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए उद्योग जगत ने दोनों देशों से कारोबार को आसान बनाने के उपायों पर जोर देने को कहा है। इसके दौरान भारतीय उद्योगपतियों ने अमेरिकी कंपनियों के तीसरे देशों में निवेश पर प्रतिबंध, बौद्धिक संपदा अधिकारों और वीजा जैसे कई मुद्दे उठाए। दोनों नेताओं ने फोरम को आश्वस्त किया कि उनकी सरकारें द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इसके नतीजे जल्द ही नजर आएंगे।दोनों के साथ सीईओ फोरम की बैठक में भारतीय उद्योगपतियों को 18 मिनट का समय दिया गया था। बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार केवल पांच सीईओ को दो-दो मिनट बोलने का मौका मिला। उसके बाद मंच को सबके लिए खोल दिया गया, जिसमें तकरीबन सभी सीईओ ने हिस्सा लिया। सीईओ फोरम में 30 सदस्य अमेरिकी व्यापार जगत से थे, जबकि 17 भारतीय कारोबारी दिग्गज शामिल हुए। इस बैठक में मोदी का मेक इन इंडिया अभियान फोकस में रहा। मोदी व ओबामा के साथ चर्चा में एचडीएफसी के मुखिया दीपक पारिख ने दोनों देशों में कारोबार करने के नियम आसान बनाने की मांग की।पारिख ने अमेरिका में वीजा प्रतिबंधों का मामला भी उठाया।भारत अमेरिका से एलएनजी के आयात के लिए दीर्घकालिक समझौता करना चाहता है, लेकिन अमेरिका ने एफटीए नहीं होने के चलते एलएनजी की बिक्री पर रोक लगा रखी है, बाद में हुई खुली चर्चा में हिस्सा लेते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने अमेरिका में निवेश के दौरान भारतीय कंपनियों के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया। भारत की तरफ से 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में अडानी समूह के गौतम अडानी, टोरेंट फार्मा के सुधीर मेहता, भारतीय स्टेट बैंक की मुखिया अरुंधति भट्टाचार्य और भेल प्रमुख बी प्रसाद राव भी शामिल थे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में पेप्सिको की इंदिरा नूई, मैक्ग्रा हिल्स फाइनेंशियल के चेयरमैन हेराल्ड मैक्ग्रा और मास्टरकार्ड के अजय बंगा शामिल थे।

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