अब नहीं होंगे ऐसी गलती!

March 11, 2015 | 05:24 PM | 48 Views

अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रिहाई से पीडीपी-भाजपा गठबंधन में तनाव पैदा होने और संसद में इस मुद्दे पर हंगामे के बाद मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि वह अब और राजनीतिक बंदियों या उग्रवादियों को रिहा नहीं करेगी। इस मामले में उठे विवाद के बीच राज्य के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें आलम की रिहाई को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर राज्य के हालात से अवगत कराया। जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव सुरेश कुमार से मंगलवार को जब यह पूछा गया कि क्या सरकार और भी उग्रवादियों व राजनीतिक बंदियों की रिहाई जारी रखेगी तो उन्होंने कहा इस तरह की कोई बात नहीं है। मसर्रत आलम के खिलाफ लोक सुरक्षा कानून के तहत दोबारा कोई मामला नहीं बनता, इसलिए उसे रिहा किया गया, इसके अलावा और कुछ नहीं है। आलम की रिहाई के फैसले का बचाव करते हुए गृह सचिव ने कहा कि किसी को पीएसए के तहत हिरासत में रखने की सीमा होती है। आप उसे ज्यादा से ज्यादा छह महीने तक हिरासत में रख सकते हैं और एक बार और रख सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आप किसी को समान आरोप में बार-बार हिरासत में नहीं रख सकते। अगर आपने ऐसा किया है तो उसके खिलाफ नए आरोप होने चाहिए। जम्मू में पीडीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार राजनीतिक बंदियों की रिहाई पर अदालत के दिशानिर्देशों का पालन करेगी। वरिष्ठ पीडीपी नेता और राज्य के खेल मंत्री इमरान रजा अंसारी ने संवाददाताओं से कहा हमसे सुप्रीम कोर्ट और अदालतें जो भी कहती हैं, हम उनका पालन करेंगे। इस मामले में उठे विवाद के बीच जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें आलम की रिहाई को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर राज्य के हालात से अवगत कराया विपक्षी दलों ने संसद में इन खबरों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है कि जम्मू-कश्मीर सरकार 800 और अलगाववादियों को रिहा करने की योजना बना रही है। विपक्ष ने जानना चाहा कि क्या राज्य के राज्यपाल ने केंद्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में कहा था कि आलम की रिहाई स्वीकार्य नहीं है और सरकार राष्ट्र की अखंडता के साथ किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। हमारे लिए कोई भी सरकार प्राथमिकता नहीं है, भले ही गठबंधन में हो या नहीं हो। हमारी प्राथमिकता देश और उसकी सुरक्षा है।

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