राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा विश्वविद्यालयों में देशविरोधी नारेबाजी लगने और कई तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधियां संचालित होने को लेकर अपना विरोध जताया गया है।इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित की गई संगठन की बैठक में यह कहा गया कि इस संगठन ने लंबे समय से विध्वंसकारी शक्तियों पर अंकुश लगाने की बात कही है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने सवाल उठाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नारे देश की एकता को प्रभावित कर सकते हैं। आरएसएस के अधिकारियों ने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रविरोधी, गैर शैक्षणिक और गैर सांस्कृतिक गतिविधियों से अलग रखा जाएगा।
आरएसएस इस दिशा में प्रयास करेगी कि इस तरह से इन संस्थानों की पवित्रता बनी रही और सांस्कृतिक माहौल सुनिश्चित करते हुए उन्हें राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने देंगी। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के प्रमुख डाॅ. मोहन भागवत और उनके शीर्ष नेताओं सहित भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी उपस्थित थे।