पिछले 13 वर्षों में अपने प्रधानमंत्री भाई नरेंद्र मोदी से मात्र तीन बार मुलाकात कर सकने वाले प्रहलाद मोदी अपने बड़े भाई के साथ अच्छे रिश्ते से आनंदित रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में उनके जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानदारों को पेश आ रही मुश्किलों का नरेंद्र मोदी सरकार समाधान करेगी। 64 वर्षीय प्रहलाद पीएम मोदी से दो वर्ष छोटे हैं। नई दिल्ली में अखिल भारतीय स्वच्छ मूल्य विक्रेता महासंघ (एआईएफपीएसडीएप) की प्रहलाद उपाध्यक्ष है, इसके लिये राशन के दुकानदारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए आए हुए हैं, प्रहलाद अपने व्यापार के सिलसिले में या फिर स्वच्छ मूल्य दुकानदारों के प्रदर्शन को नेतृत्व देने के लिए अक्सर दिल्ली आते रहते हैं, लेकिन नमस्कार कहने तक के लिए प्रधानमंत्री के सरकारी आवास तक भी नहीं जाते। प्रहलाद ने कहा कि ''हम फोन पर भी लगातार बातचीत नहीं करते या मुलाकात करते हैं, लेकिन रिश्ते अच्छे हैं। पिछले 13 वर्षों में बड़े भाई से केवल तीन बार मुलाकात हुई है, क्योंकि उन्होंने 70 में ही परिवार को त्याग दिया था और देश के कल्याण के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी समर्पित कर दी, तब भी मुलाकात नहीं की हुई जब वह पिछले वर्ष प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के बाद माताजी का आशीर्वाद लेने गांधीनगर पहुंचे थे। प्रहलाद ने कहा, ''मैं एक दुकानदार हूं। प्रधानमंत्री का सगा भाई होने पर भी कोई विशेषाधिकार या सुविधा नहीं भोगता। हां प्रोटोकॉल के तहत मुझे सुरक्षा मुहैया कराई गई है।नरेंद्र मोदी का भाई होने के बावजूद मैं व्यक्तिगत लाभ मांगने या निजी लाभ लेने का भूखा नहीं हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे और परिवार के अन्य सदस्यों को ऐसे सांस्कृतिक मूल्य दिए हैं, जिससे हम अपनी ताकत में विश्वास करते हैं।'' प्रधानमंत्री की पत्नी और रिटायर स्कूल शिक्षिका जशोदाबेन मेहसाणा जिले के उंझा कस्बे में रहती हैं। उनसे मुलाकात के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वे यदा-कदा मिलते हैं। प्रहलाद ने कहा कि हमारा परिवार नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन के साथ बेहतर रिश्ता रखता है। वह अपने भाई के साथ उंझा में रहती हैं। हम यदा-कदा मिलते रहते हैं। छह भाई-बहनों में नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर पर हैं। तीन भाई अहमदाबाद में रहते हैं और एक गांधीनगर में रहते हैं।