पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपनी ताजा दोस्ती को और मजबूत करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अगले महीने अपने साथ बांग्लादेश दौरे पर चलने का न्योता दिया है।सूत्रों ने बताया कि पीएम ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान ही ममता से अपने साथ बांग्लादेश चलने का अनुरोध किया था।ममता बनर्जी ने भी इस दौरे के लिए हामी भर दी है।उन्होंने कहा है कि अगर उस दौरान उन्हें कोई दूसरा जरूरी काम नहीं हुआ तो वह बांग्लादेश जरूर जाएंगी।फिलहाल दोनों देशों के अधिकारियों में मोदी के प्रस्तावित दौरे पर बातचीत चल रही है लेकिन अभी तारीख तय नहीं हुई है।मोदी के जून के पहले सप्ताह में बांग्लादेश दौरे पर जाने की उम्मीद जताई जा रही है।मोदी इससे पहले न्यूयार्क और काठमांडू में बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला बांग्लादेश दौरा होगा।इससे पहले सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी ममता को अपने साथ बांग्लादेश चलने का न्योता दिया था लेकिन तीस्ता नदी के जल बंटवारे पर बांग्लादेश के साथ प्रस्तावित करार के विरोध में ममता ने आखिरी मौके पर वहां जाने से मना कर दिया था।ममता की दलील थी कि राज्य के किसान फसलों की सिंचाई के लिए तीस्ता पर निर्भर हैं और प्रस्तावित समझौते से भारतीय किसानों को भारी नुकसान होगा।ममता के विरोध की वजह से ही करार नहीं हो सका था।इसके विरोध में बांग्लादेश सरकार ने पश्चिम बंगाल को हिल्सा के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।संसद में भारत.बांग्लादेश सीमा समझौता पारित हो गया है। इस विधेयक को ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था।इससे दोनों देशों के भूखंडों की अदला.बदली की राह साफ हो गई है।अब तीस्ता करार पर भी ममता ने अपना रुख कुछ नरम कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि तीस्ता करार के लिए मोदी ममता बनर्जी को अपने साथ ले जाना चाहते हैं।उन्हें उम्मीद है कि बदले राजनीतिक समीकरण में मामूली संशोधन के साथ ममता इस करार को सहमति दे सकती हैं।