बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के समाचार पत्रिका में दो प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। चुनावी माहौल में पार्टियों के प्रचार पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त ने सख्त शब्दों में कहा कि चुनाव समाप्त होने तक भाजपा के दो विवादित चुनाव प्रचार को वापस लिया जाए और इस तरह के प्रचार को किसी भी समाचार पत्र में छपने से पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
यह दो चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने कैंची चलायी है वो वोटों की खेती और दलितों के आरक्षण को छीनने के विज्ञापन हैं। इस दो चुनाव प्रचार में से एक में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को दलित की प्लेट को खींचते हुए दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि ये नेता दलितों का आरक्षण छीनकर अल्पसंख्यकों को देना चाह रहे हैं। जबकि दूसरे प्रचार में दिखाया गया है कि आरजेडी, जदयू और कांग्रेस वोटों की खेती कर रही हैं। ये लोग एक धर्म विशेष के लोगों से वोट की अपील कर आतंकियों को बढ़ावा देते हुए दिखाये गये हैं।