केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल और प्रदेश सरकार के अधिकारों को बताने वाले नोटिस पर सवाल उठने लगे हैं।पूर्व अटॉर्नी जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने दिल्ली सरकार को भेजी अपनी राय में केंद्र के नोटिफिकेशन को असंवैधानिक बताया है।केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद दिल्ली सरकार ने संविधान और कानून के जानकारों से इस पर सलाह मांगी थी।इसमें पूर्व अटॉर्नी जनरल गोपाल सुब्रमण्यम भी शामिल थे।दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है सुब्रमण्यम ने नोटिफिकेशन को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है।सरकार को भेजी चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि मुझे उम्मीद है कि ये नोटिफिकेशन राष्ट्रपति की अनुमति के बिना ही जारी हुआ है।ऐसे में यह पूरी तरह असंवैधानिक है। सुब्रमण्यम की राय आने के बाद से आम आदमी पार्टी ने सोशल साइट्स पर अभियान छेड़ दिया है।फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सऐप सभी जगह उनकी राय को जमकर शेयर किया जा रहा है और केंद्र सरकार को संविधान की हत्या करने वाला बताया जा रहा है।गोपाल सुब्रमण्यम का साथ मिलने के बाद केजरीवाल एक बार फिर इस पूरे मामले में केंद्र सरकार पर दिल्ली में गैरजरूरी हस्तक्षेप का आरोप लगा सकते हैं।ऐसे में केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच अधिकारों को लेकर छिड़ी जंग और तेज हो सकती है।आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़कर इस बात का संकेत भी दिया है कि वह इसे और आगे तक ले जाने की तैयारी में है।