उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी विवाद में केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर एलजी नजीब जंग को शासन प्रमुख बताए जाने के बाद सीएम केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।केजरीवाल ने कहा कि उनकी लड़ाई नजीब जंग से नहीं, बल्कि केंद्र की मोदी सरकार से है।अरविंद केजरवाल ने कहा,एलजी वायसराय की तरह हैं जबकि पीएम मोदी लंदन। सभी आदेश पीएमओ की तरफ से आ रहे हैं। उन्होंने (पीएम) कभी यह नहीं पूछा कि दिल्ली में सब कुछ ठीक है कि नहीं? यहां बिजली-पानी है कि नहीं? वे सिर्फ नियुक्तियों और तबादलों की इंडस्ट्री पर कंट्रोल लेना चाहते हैं।मोदी दिल्ली में बीजेपी के तीन विधायकों को लेकर जंग के माध्यम से बैकडोर से शासन करना चाहते हैं।केजरीवाल ने नोटिफिकेशन को दिल्ली में भ्रष्टाचार और दलाली को बढ़ावा देने के लिए लाया गया कदम बताया। दरअसल गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नियुक्ति और तबादलों में भी अंतिम फैसला एलजी ही करेंगे। बाकी मामलों में भी वह सीएम की सलाह लेने के लिए मजबूर नहीं हैं।दिल्ली का उपराज्यपाल लोक व्यवस्था, पुलिस, भूमि और सेवाओं से संबंधित विषयों में ट्रांसफर और पोस्टिंग की शक्तियां रखता है। ऐसा वह राष्ट्रपति द्वारा प्रदान की गई शक्तियों और कृत्यों के निर्वहन के आधार पर करेंगे।अन्य सेवाओं के विषय में वह चाहें तो दिल्ली के मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श के आधार पर निर्णय ले सकता है।केंद्र ने अपने नोटिफिकेशन में संविधान के अनुच्छेद 239 एए का हवाला दिया।यह अनुच्छेद कहता है कि दिल्ली के प्रशासनिक अधिकार उपराज्यपाल के पास होते हैं।इस अनुच्छेद के सबक्लॉज ए और क्लॉज 3 के मुताबिक दिल्ली जैसे राज्य के पास अपनी प्रशासनिक या पुलिस सेवा नहीं होती। यहां आईएएस, आईपीएस कैडर के अफसर ही काम करते हैं जिनकी नियुक्तियां केंद्र के अधीन होती हैं।उपराज्यपाल उन्हीं मामलों में राज्य सरकार की सलाह ले सकते हैं जिनमें वे इसकी जरूरत महसूस करते हैं।अन्यथा पब्लिक ऑर्डर, पुलिस, जमीन से जुड़े मामले और सर्विसेस के मामलों में नियुक्तियों का अधिकार उपराज्यपाल को है।