मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के काफी विरोध के बाद भी शकुंतला गैमलिन दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाई गई। उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाई गई वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह चाहती थीं कि सरकार ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करे जिससे इन फर्मों को 11 हजार करोड़ रुपये मिलते।केजरीवाल ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार आप सरकार को नाकाम बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी थी,वह एक पत्र पर हस्ताक्षर कराने हमारे बिजली मंत्री के पास यह कहते हुए आई थीं कि रिलायंस की मालिकाना हक वाली बिजली कंपनियों ने 11 हजार करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया है।वह चाहती थीं कि मंत्री दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दें और कहा कि यह केवल औपचारिकता है।उन्होंने ये भी बताया कि जब हमारे मंत्री ने इस पत्र की जांच की तो यह गारंटी पत्र निकला।अगर रिलायंस की मालिकाना कंपनियां ऋण भरने में नाकाम रहती तो बोझ जनता पर आता और दिल्ली में दरें दो तीन गुना बढ़ जातीं।केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार की आपत्तियों के बावजूद गैमलिन को दिल्ली का मुख्य सचिव बना दिया गया।उन्होंने आरोप लगाया कि हमने मुख्य सचिव (गैमलिन) की नियुक्ति का विरोध किया लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया।हम बीते चार दिन से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार दिल्ली सरकार को नाकाम बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगले दस दिन कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर गैमलिन के कार्यों पर नजर रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मुख्य सचिव के कार्यालय जाने वाली हर फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय होते हुए जाए।उन्होंने कहा कि यह संदेह पैदा करता है कि वे (भाजपा नीत केन्द्र सरकार) दस दिन में कुछ गलत करेंगे लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं उन (गैमलिन) पर नजर रखूंगा और हर फाइल मेरे पास होकर जाएगी।