कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मोदी सरकार को पाखंडी बताया और पूंजीवादी मित्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान पूंजीवादी मित्रवाद को बढ़ावा दते हैं।शर्मा ने कहा कि उनकी हर यात्रा पर न केवल उनके करीबी उद्योगपतियों का समूह उनके साथ जाता है बल्कि विदेशी बैंकों से वित्त की व्यवस्था के लिए व्यापार सौदों में भी उनकी मदद की जाती है।उन्होंने कहा कि वह कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।बीजेपी ने मेक इन इंडिया के तहत राफेल सौदे को अंतिम रूप देते समय हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दूर क्यों रखा।आनंद शर्मा ने सत्ता के केंद्रीकरण पर भी सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि इससे निर्णय लेने और संसदीय प्रणाली पर प्रतिकूल असर हुआ है।अगर सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए गंभीर है तो फिर वह अभी तक मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी), मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर पाई है।उन्होंने कहा कि कई विश्वविद्यालयों में कुलपति नहीं है।भारतीय चिकित्सा परिषद का कोई अध्यक्ष नहीं है और यही स्थिति वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की है।ऐसे कई उदाहरण हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जो पार्टी अपने कामकाज में पारदर्शिता का वादा करती है वह अपने शब्दों पर खरी नहीं उतरती।उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए जरा भी संकोच नहीं हो रहा है कि बीजेपी के इस एक साल के शासन में सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह गरीब विरोधी, जन विरोधी, दलित एवं आदिवासी विरोधी, महिला विरोधी और शिक्षा विरोधी है।