इस देश में हिंदू कभी भी अल्पसंख्यक नहीं होंगे: मोहन भागवत

February 23, 2016 | 11:06 AM | 1 Views
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हरियाणा में आरक्षण को लेकर जाटों द्वारा जारी आंदोलन के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरक्षण की पात्रता पर फैसला करने के लिए एक गैर राजनीति समिति का गठन किया जाना चाहिए।उन्होंने यहां चैंबर ऑफ कॉमर्स में बातचीत के एक सत्र में कहा, 'बहुत सारे लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि आरक्षण की पात्रता पर फैसला करने के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए। समिति को गैर राजनीतिक होना चाहिए ताकि कोई निहित स्वार्थ शामिल ना हो।'
 भागवत ने कहा कि समाज के किस वर्ग को आगे लाया जाए, उन्हें कब तक आरक्षण दिया जाए, इसे लेकर एक समयबद्ध योजना तैयार की जानी चाहिए। समिति को कार्यान्वयन के लिए अधिकार देने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी खास जाति में जन्म लेने के कारण किसी व्यक्ति को मौका ना मिले, ऐसा नहीं होना चाहिए।
 आरएसएस प्रमुख ने आरक्षण की समस्या के हल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि समाज में सबके लिए बराबरी का मौका होना चाहिए। हर किसी को समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन किसी खास जाति में जन्म लेने के कारण किसी व्यक्ति को मौका ना मिले, ऐसा नहीं होना चाहिए। जब तक समस्या बनी रहती है, यह स्थिति बनी रहेगी।
 भागवत ने कहा कि आजादी के बाद बी आर अंबेडकर ने आर्थिक स्वतंत्रता पर एवं सामाजिक भेदभाव से आजादी पर जोर दिया था और कहा था कि जब तक सामाजिक भेदभाव बना रहेगा, आरक्षण का मुद्दा रहेगा।
 उन्होंने कहा, 'हम शहर में रहते हैं, हमें पता ना हो लेकिन सामाजिक भेदभाव अब भी बना हुआ है। अवसरों के लिहाज से सबके लिए समान स्थिति होनी चाहिए। हमें लगता है कि समाज में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।'

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