कांग्रेस ने को संसद चलाने का सारा दारोमदार सरकार पर डालते हुए सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चैहान को हटाने की न्यूनतम कार्रवाई की मांग की जबकि बीजेपी ने इन आरोपों का जोरदार ढंग से मुकाबला करने का निर्णय किया है जिससे मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के प्रबल आसार नजर आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद का चलना और महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना अधिक आसान हो जाएगा यदि बीजेपी इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे और इससे बीजेपी को अपनी छवि ठीक करने में भी मदद मिलेगी जो घोटालों से प्रभावित हुई है।यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस पार्टी कौन सी न्यूनतम कार्रवाई से संतुष्ट होगी, आजाद ने कहा, न्यूनतम कार्रवाई उन सभी को हटाना है, विशेष तौर पर तीन जो ललितगेट में हैं, जिसमें राजस्थान की मुख्यमंत्री और अन्य सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं, इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के दो मंत्री शामिल हैं।उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि एक दिन बाद जब संसद का सत्र शुरू होगा प्रधानमंत्री उन सभी के इस्तीफे की घोषणा करेंगे जो ललितगेट में शामिल हैं या जिन पर आरोप लगे हैं और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जिनके मुख्यमंत्री रहते बड़ी संख्या में गवाहों की मौत हुई है और हजारों को डिग्रियां मिली हैं। मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल सहित पार्टी के विभिन्न सहकर्मियों और पार्टी प्रवक्ताओं के साथ रणनीतिक बैठकें की जिस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं।