शिव सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि पवित्र धार्मिक ग्रंथों की जगह संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेना अनिवार्य बनाया जाए ताकि देश को धर्म आधारित राजनीति के शिकंजे से बाहर निकाला जा सके। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि संविधान सभी धर्मों के लोगों के लिए पवित्र ग्रंथ होना चाहिए।
शिवसेना ने आगे लिखा कि कानून के समक्ष सभी धर्म समान हैं और दिवंगत बाल ठाकरे ने भी यही कहा था। संपादकीय में कहा गया है कि कानून के समक्ष सभी समान हैं लेकिन कानून के समक्ष संविधान सर्वोच्च है। पार्टी ने कहा कि लोगों को अदालत में धार्मिक पवित्र ग्रंथों के बजाए संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेनी चाहिए।
शिवसेना ने कहा कि मोदी ने कहा है कि डा. बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा दिए संविधान को बदलने के बारे में सोचना आत्महत्या करने जैसा होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान एक पवित्र पुस्तक है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब इस विचार को विस्तार देना चाहिए और देश को धर्म आधारित राजनीति के चंगुल से बाहर निकालना चाहिए।