शिवसेना ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर निर्माण पर दिए बयान का समर्थन किया है।पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में भागवत के बयान की तारीफ करते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोला है।शिवसेना ने अपने समाचार पत्र सामना ने लिखा है कि ‘केंद्र में बीजेपी की हिंदुत्ववादी सरकार है लेकिन राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 जैसे विषयों को बस्ते में बांधकर कामकाज चलाया जा रहा है।ऐसे में बीजेपी के सामने बड़ा सवाल यह है कि भागवत की राम मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद क्या बोला जाए।
राम मंदिर का विवाद सुप्रीम कोर्ट में करीब पांच साल से पड़ा हुआ है।मोदी सरकार के सत्ता में काबिज हुए करीब पौने दो साल हो चुके हैं।अगर मोदी सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर होती तो सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई में तेजी के लिए आग्रह कर सकती थी।विलंब की एक बड़ी वजह ये बताई जा रही है कि चूंकि राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े कागजात काफी संख्या में हैं लिहाजा उनके अनुवाद में काफी वक्त लग रहा है।जाहिर है मंदिर के मुद्दे पर मोदी सरकार अगर इस समय गंभीर होती तो वो कागजातों के अनुवाद सहित तमाम जरूरी सुविधाएं मुहैया करा सकती थी।