भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीति दिशाहीन है, वहीं सामाजिक माहौल अल्पसंख्यकों के बीच अत्यंत चिंता पैदा कर रहा है। शौरी ने कहा कि मोदी का एक साल का शासन आंशिक रूप से अच्छा है, प्रधानमंत्री के रूप में विदेश नीति में उनकी ओर से किया गया बदलाव अच्छा है, लेकिन अर्थव्यवस्था में किये गये वादे पूरे नहीं हुए।उन्होंने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि सरकार नीतियों से ज्यादा चिंतित सुर्खियों में रहने को लेकर रहती है। इन दिनों बीजेपी में सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे शौरी ने कहा कि वादों के बावजूद पूर्वप्रभावी करों और उत्पादन के लिए प्रोत्साहनों पर विदेशी निवेशकों की आशंकाओं पर जमीन पर काम नहीं दिखाई दिया है।उन्होंने कहा कि निवेशकों को स्थिरता और पूर्वानुमान की क्षमता चाहिए। शौरी ने कहा कि जानेमाने बैंकर दीपक पारेख द्वारा जमीनी हालात पर जताई गयी चिंता को आगाह करने के तौर पर लिया जाना चाहिए।जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी सरकार ने भारत को विकास के रास्ते पर बढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रयास किये हैं तो उन्होंने कहा कि सबकुछ अतिशयोक्ति है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे खबरों में बने रहने के लिए हैं लेकिन इनमें दम नहीं है। उन्होंने कर संबंधी मुद्दों को संभालने के तरीके की भी आलोचना की जिसकी वजह से विदेशी निवेशक दूरी बना रहे हैं।