राजनीतिक मैदान के चुनावी जंग में नेताओं के लिए हर वोटर भगवान होता है क्योंकि किसी भी पार्टी को जीत हासिल होने के लिए सिर्फ एक वोट बढ़कर आना जरूरी है। एक वोट की कीमत नेताओं के लिए काफी अहम होता है जो नेताओं को सत्ता दिला सकती है।
लेकिन बिहार चुनाव आयोग के सर्वे के अनुसार चौंकाने वाली बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां के लगभग 70-80 प्रतिशत लोग मानते हैं कि पैसे या तोहफे के बदले किसी में किसी पार्टी को वोट देना गलत नहीं है।
राज्य चुनाव आयोग ने समग्र मतदान में सुधार के लिए नैतिक मतदान को बढ़ावा देने का फैसला किया है। लोगों में जागरुकता के लिए आयोग ने इस संबंध में प्रचार भी शुरू किया है।
बिहार चुनाव आयोग के एडिश्नल सीईओ का मानना है कि वोटर बिना किसी लालच में आए अपने विवेक से अपने मताधिकार का प्रयोग करे। इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने रेडियो, अखबार के अलावा पोस्टर और बैनर का सहारा लिया है। मतदाता को जागरुक बाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।