तेजाब मर्डर केस में आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी।शहाबुद्दीन और उनके चार साथियों को बीते बुधवार इस मामले में दोषी करार दिया गया था।यह फैसला इसलिए अहम है कि 2004 में वारदात के वक्त शहाबुद्दीन को रिकॉर्ड के हिसाब से जेल में बंद बताया गया था।लेकिन कोर्ट ने कहा कि जेल एडमिनिस्ट्रेशन झूठ बोल रहा था।
शहाबुद्दीन को मिली सजा पर मारे गए दोनों लड़कों के पिता चंदा बाबू ने कहा कि शहाबुद्दीन को जो सजा मिली, वह कम है। उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी।मुझे और बच्चों को आज भी शहाबुद्दीन से खतरा है।वह हमारा भी मर्डर करा सकता है।हमारा कारोबार भी तबाह हो चुका है।सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।
फैसला आने के बाद शहाबुद्दीन के वकील अभय कुमार राजन ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन तो शहाबुद्दीन जेल में थे।हमें उम्मीद है कि शहाबुद्दीन बरी कर दिए जाएंगे।
सीवान का यह मामला तेजाब कांड के नाम से जाना जाता है।घटना के पीछे प्रॉपर्टी का विवाद था।16 अगस्त 2004 को कारोबारी चन्द्र केश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश को उनकी दुकान से किडनैप किया गया था। दोनों लड़कों को सीवान के प्रतापपुर गांव ले जाया गया।जहां तेजाब डालकर उनकी हत्या कर दी गई।कोर्ट में मारे गए लड़कों के भाई ने आई विटनेस के तौर पर कहा कि घटना के वक्त शहाबुद्दीन भी मौजूद थे और उनके कहने पर ही दोनों लड़कों का मर्डर किया गया।