आंध्र प्रदेश में वोट के बदले नोट मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का एक ऑडियो टेप सामने आने से नया मोड़ आ गया है। कुछ स्थानीय न्यूज चैनलों ने नायडू और मनोनीत विधायक एलविस स्टीफंसन की एक कथित बातचीत का ऑडियो टेप प्रसारित किया है।हालांकि सरकार टेप को फर्जी बता रही है।आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार (संचार) पी प्रभाकर ने इन खबरों से इनकार किया है।उन्होंने कहा कि टेप फर्जी हैं और आंध्र प्रदेश सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी।ऑडियो टेप की कथित बातचीत में मुख्यमंत्री विधायक को तेलंगाना विधानपरिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए सभी तरह का भरोसा दे रहे हैं।उधर इस मामले में प्रभाकर ने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार घटिया तरीकों से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रही है।पिछले रविवार को टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को तेलंगाना विधान परिषद के लिए चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 हजार रुपए भी जब्त किए थे।एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जारी ऑडियो-वीडियो टेप में रेवंत रेड्डी बार-बार अपने बॉस के बारे में बात कर रहा है।उसने कई जगह पर चंद्रबाबू का नाम भी लिया है और उन्हें बाबू गारु नाम से पुकारा है।वीडियो में वो कह रहा है कि उसे चंद्रबाबू ने ही इस काम के लिए नियुक्त किया है।तेलंगाना के गृह मंत्री ने तो यहां तक दावा किया है कि उनके पास इस मामले में चंद्रबाबू नायडू के सीधे शामिल होने के सुबूत के रूप में फोन रिकॉर्डिंग भी है।उन्होंने दावा किया है कि चंद्रबाबू ने टीआरएस के कुछ अन्य विधायकों से भी संपर्क किया था।कैश फॉर वोट मामले में नाम आने के बाद कांग्रेस ने चंद्रबाबू नायडू से इस्तीफा मांगा है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर नायडू पर लगे आरोप सही हैं, तो उन्हें तुरंत सीएम के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।