तमिलनाडु सरकार ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के लिए उनके केस की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के केस से की है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जब बापू की हत्या में उम्रकैद की सजा पाने वाले नाथूराम गोडसे के भाई विनायक गोडसे को 16 साल बाद रिहा किया जा सकता है, तो पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा क्यों नहीं किया जा सकता। तमिलनाडु सरकार के वकील ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष यह दलील दी।राज्य सरकार के वकील ने कहा कि महात्मा गांधी से महान देश में कोई नेता नहीं है। उनकी हत्या की साजिश में शामिल विनायक गोडसे को उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन 16 साल की सजा काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था।राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा था कि राजीव गांधी के हत्यारों को न तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार फांसी देना चाहती थी और न ही तत्कालीन विपक्षी पार्टी ने इसके लिए कोई आवाज उठाई थी।किसी भी सरकार ने उन्हें फांसी देने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई थी।अब इन्हें उम्रकैद हो चुकी है।ऐसे में उन्हें कब तक जेल में रखा जाए।