केंद्र की बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए हिंदू धार्मिक नेताओं ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय उनके पक्ष में निर्णय देता है तो वे किसी राजनीतिक मदद के बिना अयोध्या में भगवान के जन्मस्थान पर राम मंदिर का निर्माण करेंगे।यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के उस कथन की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार राज्यसभा में बहुमत के बिना राम मंदिर पर कानून नहीं ला सकती।रामलीला मैदान में हिंदू धर्म संसद को संबोधित करते हुए द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बीजेपी नेताओं से कहा कि वे राम मंदिर के निर्माण की बात करना बंद करें।शंकराचार्य ने कहा कि हम हाथ जोड़ आग्रह करते हैं कि राम जन्मभूमि के बारे में बात मत करिए।हम उस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण करेंगे।उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक वर्ग का एक तबका मुगल शासक बाबर का नाम इस मामले में राजनीतिक लाभ के लिए लाया।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अदालत ने स्वीकार किया है कि बाबर इस स्थान पर कभी नहीं पहुंचा था।शंकराचार्य ने कहा कि वहां इसके अवशेष हैं कि यह हिंदुओं का पूजा स्थल था।