एंडीज विमान हादसा में डेड बॉडी खाकर जिंदा बचे कुछ लोग

February 11, 2015 | 05:27 PM | 24 Views
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इतिहास में ऐसी कई दुर्घटनाएं हुईं हैं जिनमें घिरे लोगों ने जिंदा रहने के लिए विषम परिस्थितियों का सामना किया और इससे पार भी पाया है। 1972 में एंडीज के पहाड़ों के बीच हुआ एक विमान हादसा हमेशा इसलिए याद किया जाएगा, क्योंकि 72 दिनों तक बिना भोजन के 14 लोगों ने खुद को जिंदा रखा। मिरेकल ऑफ एंडीज और एंडीज फ्लाइट डिजास्टर के नाम से प्रसिद्ध यह दुर्घटना 13 अक्टूबर 1972 को हुआ था और इस विमान में सवार थे उरुग्वे के ओल्ड क्रिश्चियन क्लब की रग्बी टीम के खिलाड़ी और चालक दल के सदस्य। उरुग्वे एयरफोर्स का विमान टीम के खिलाड़ियों व अधिकारियों को उनके परिवार व मित्रों को लेकर एंडीज के पहाड़ों के ऊपर से गुजर रहा था। विमान में 45 लोग सवार थे। विमान के उड़ान भरने के साथ ही मौसम खराब होने लगा था, जिसके कारण पायलट को बर्फीले पहाड़ नहीं दिख पाए और 14 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा विमान पहाड़ों से टकरा गया। पहाड़ से टकराने के बाद विमान में सवार 45 लोगों में से केवल 27 ही जिंदा बचे थे, लेकिन खराब मौसम व बिना भोजन के इनमें से 12 और लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया। हालांकि, रग्बी टीम के दो खिलाड़ियों नंदो पैराडो और रॉबर्ट कैनेसा ने अपने हौंसले से न सिर्फ खुद को बचाया बल्कि 14 अन्य को भी बचाने में सफलता हासिल की। उरुग्वे सरकार ने हादसे के बाद राहत व बचाव कार्य के लिए ऑपरेशन शुरू किया लेकिन 11 दिनों के बाद इसे बंद कर दिया। इसके बाद तो हादसे में जिंदा बचे लोगों के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो गईं। बचे लोगों ने विमान में उपलब्ध भोजन को आपस में बांट लिया लेकिन ये पर्याप्त नहीं थे और जब यह समाप्त हो गया तब उन्होंने अपने ही साथियों की लाश के टुकड़े को खाना शुरू कर दिया। कमजोर होने के बावजूद नंदो पैराडो और रॉबर्ट कैनेसा ने गजब का साहस दिखाते हुए 12 दिनों तक ट्रैकिंग की और चिली के आबादी वाले क्षेत्र तक पहुंच गए जहां दोनों ने रेस्क्यू टीम को अपने साथियों की लोकेशन बताई। ऐसा करते हुए इन दोनों खिलाड़ियों ने न सिर्फ खुद की जिंदगी बचाई, बल्कि अपने साथियों के लिए भी फरिश्ता बन गए।

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