विजय प्राप्ती के सामने बिमार भी झुक गई

February 05, 2015 | 12:26 PM | 19 Views

भारत के मंगलयान अभियान के प्रमुख सुब्‍बैया अरुणन ने इसकी कामयाबी की इबारत तो लिख दी थी, एक दुस्‍वप्‍न ने उनको भी कभी डराया था। उन्‍हें कैंसर हो गया था, लेकिन आज वह पूरी तरह से ठीक हैं। इस जीत के जज्‍बे ने उन्‍हें मंगल मिशन को कम बजट में भी सफल करने की प्रेरणा दी। कैंसर से पीडित होने के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बीमारी को हराने में दवा से ज्यादा इच्छाशक्ति ने मदद की। बुधवार को वर्ल्ड कैंसर डे पर उन्होंने कहा- जब मैंने इस पर विजय हासिल कर ली, तो हर चुनौती छोटी लगने लगी। 54 वर्षीय अरुणन पिछले पाँच वर्षों से कैंसर पीडित था। उस समय मंगलयान के मिशन पर काम चल रहा था, लेकिन मैं इस काम के लिए तैयार नहीं था, जब डॉक्टरों के साथ बैठे तो, मैं पूरी तरह से टूट चुके थे, हालांकि, डॉक्टरों ने मुझ पर जो विश्वास दिखाया, उससे मुझे उम्मीद मिली। मैं अक्सर खुद से कहता था कि यह समय भी किसी तरह निकल जाएगा, बस मुझे धैर्य रखने की जरूरत है। बीमारी से उबरने के बाद अरुणन को मंगल मिशन की जिम्मेदारी संभालने की पेशकश मिली, वित्तीय बाध्यताओं को देखते हुए उस समय यह काफी कठिन लग रहा था। वह बताते हैं कि एक बार फिर इच्छाशक्ति काम आई। सबको लगता था कि यह काफी कठिन काम है, लेकिन मैं जानता था कि हम यह कर सकते हैं। कैंसर ने मुझ में बेस्ट करने का जज्बा भर दिया था। अरुणन आज भी हॉस्पिटल जाते हैं और कैंसर के रोगियों की काउंसलिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि जब मुझे कैंसर हुआ था, तो ऐसा कोई नहीं था, जिससे मैं बात कर सकूं। रोगियों के लिए किसी के साथ अपनी भावना को बांटना बहुत जरूरी होता है। मैं उनसे एक बात कहता हूं कि रोग को अपने जुझारूपन पर हावी न होने दें।

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