वैश्विक मंचों पर पड़ोसी देश भारत और पाकिस्तान अक्सर दो अलग-अलग छोर पर खड़े रहते हैं। पर संयुक्त राष्ट्र में समलैंगिकता के मसले पर दोनों एक ही पाले में नजर आए। इतना ही नहीं अमेरिका को नजरंदाज कर दोनों ने इस संबंध में रूस की ओर से लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि यह एका कोई कमाल नहीं दिखा पाई और रूस का प्रस्ताव गिर गया।भारत के अलावा चीन, मिस्र, ईरान, इराक, जॉर्डन, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब और यूएई समेत 43 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन दिया। 37 देश गैरहाजिर रहे।रूस ने इस प्रस्ताव के जरिए समलैंगिक शादीशुदा कर्मचारियों को मिलने वाले फायदों का विरोध किया था।अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को अपने वह नीति वापस लेनी पड़ती, जिसमें समलैंगिक जोड़ों को वही सब सुविधाएं दी जा रही हैं जो बाकी शादीशुदा लोगों को मिलती हैं।बान की इस नीति के जरिए ही संयुक्त राष्ट्र में समलैंगिक शादियों को मान्यता मिली थी।