पाकिस्तान की अदालत से रिहा होने के बाद मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड आतंकी जकीउर रहमान लखवी किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकता है। लखवी की रिहाई क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया जा रहा है। भारत की गुप्तचर संस्था रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का कहना है कि रिहाई के बाद लखवी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट के लिए घातक साबित होने वाला है। रॉ ने पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री कार्यालय को इस संबध में रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें लिखा गया है कि पाकिस्तान की जेल से रिहाई के बाद लखवी पूरे मिडिल ईस्ट के लिए खतरा बन सकता है। इस खबर के बाद भारत में आतंकी हमले की आशंका बढ़ गई है। लखवी के पाकिस्तान की जेल से बाहर आने के बाद जम्मू कश्मीर ही नहीं, बल्कि गुजरात में भी आतंकी हमले की आशंका खुफिया एजेंसियों ने जताई है। इस सम्बंध में इंटेलीजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट मिलने पर गुजरात सरकार ने प्रमुख मंदिरों सोमनाथ मंदिर, अंबाजी मंदिर, गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। रिपोर्ट में इन मंदिरों पर हमले की आशंका के साथ आतंकियों के समुद्री सीमा से घुसपैठ की आशंका व्यक्त की गई है। आतंकियों के मुंबई हमलों की तरह इस बार भी गुजरात से सटी समुद्री सीमा से घुसपैठ की आशंका जताई गई है जिसे देखते हुए गुजरात की 16 सौ किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है, साथ ही नेवी और भारतीय तटरक्षक ने भी गश्त बढ़ाई है। रॉ के अनुसार 26/11 हमले का मास्टरमाइंड सीरिया में लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के लड़ाकों को फिर से सक्रिय करने की फिराक में हैं। बताया जाता है कि लश्कर के लड़ाकों को अलकायदा से भी डोनेशन मिला है, जबकि आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग भी दी गई है। आतंकी लखवी 10 अप्रैल को पाकिस्तान की जेल से रिहा हुआ है। रॉ के अनुसार लखवी पहले भी मीडिल ईस्ट में चेचन्या, बोसनिया, इराक और दक्षिण एशिया में लश्कर के ऑपरेशन को आदेश दे चुका है।