1945 में गायब हुई रत्नों से भरी ट्रेन का मिलने का दावा

August 21, 2015 | 02:05 PM | 5 Views
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 दूसरे विश्‍वयुद्ध के अंतिम दिनों यानी 1945 के दौरान गयाब हुई सोने और रत्नों से भरी ट्रेन का मिलने का दावा किया गया है। दरअसल 1945 में जर्मनी की तत्कालीन नाजी सरकार ने लाखों का सोना और अन्य कीमती सामान से भर कर इसे दक्षिण-पश्चिम के पहाड़ों की सुरंग में छिपा दिया था।यह क्षेत्र आज पोलैंड के वालब्रिख जिले के तौर पर जाना जाता है। दो व्यक्तियों ने दावा किया है कि उन्होंने करीब 500 फुट लंबी इस रेल को खोज निकाला है। इनमें से एक व्यक्ति पोलैंड का है और दूसरा जर्मनी का है। इन्होंने पोलैंड की सरकार के सामने अपना दावा पेश कर दिया है।पोलैंड के मौजूदा कानूनों के अनुसार यदि इस रेल में से खजाना बरामद होता है, तो दोनों व्यक्ति उसके 10 फीसद के हकदार होंगे। हालांकि, इससे पहले भी कई लोग इस गुमशुदा गाड़ी को खोजने की कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन 70 वर्षों में पहली बार ऐसा मजबूत दावा पेश किया गया है।बताया जा रहा है कि इस इलाके में कभी खुदाई नहीं की गई, ऐसे में वहां काम बहुत सावधानी से करना होगा। बहुत संभव है कि तत्कालीन नाजियों ने बारूदी सुरंगें बिछाई हों।ऐसा माना जाता है कि द्वितीय विश्‍व युद्ध के अंत में मित्र देशों की सेनाओं से जर्मनी में घिर जाने के बाद नाजी सरकार ने अपना खजाना रेल के जरिये पहाड़ों में छुपा दिया था। इसके लिए विशेष रूप से पटरियां बिछाई गईं थीं। ऐसी दो रेलों के बारे में किस्से मशहूर हैं।

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