देश की राजधानी दिल्ली में दिसंबर 2012 की वह खौफनाक रात के बारे में सोचकर आज भी लोग सिहर उठते हैं। ये वही मनहूस दिन था जब ‘निर्भया‘ को 6 दरिंदों ने चलती बस में दिल्ली की सड़कों पर हवस का शिकार बनाया। मगर दुर्भाग्य, उसका एक अपराधी जल्द ही जेल से छूटने वाला है, जिसके बारे में कहा गया था कि वही सबसे क्रूर था।
दरअसल, यह व्यक्ति अपराध के समय नाबालिग था, मगर अब उसकी उम्र 21 साल है और वह आगामी दिसंबर में बाल सुधार गृह से रिहा होने वाला है। इस मामले में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने उसकी सजा न बढ़ा पाने में अपनी लाचारी और असमर्थता जताई।उन्होंने कहा कि इस केस में कानून का पालन तो किया गया, लेकिन वह इस बात को लेकर असमंजस में है कि जघन्यतम अपराध में आने वाला निर्भया गैंगरेप कांड में सुनाया गया फैसला क्या न्याय के हिसाब से सही था। उन्होंने आगे कहा कि दोषी नाबालिग की रिहाई के बाद भी उस पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए। उन्होंने इस मामले को संबंधित अधिकारियों के सामने भी उठाने की बात की।
आपको बता दें कि तीन साल तक बाल सुधार गृह में सजा काटने के बाद निर्भया मामले में नाबालिग दोषी की सजा अगले महीने पूरी हो रही है।