माघ माह के मुख्य स्नान मकर संक्राति पर्व पर बिठूर के पास उन्नाव के परियर गांव की ओर गंगा में सौ से अधिक शव उतराने से हड़कंप मच गया। 100 से भी अधिक लाशें सड़ चुकी हैं , इसमें नाबालिग बच्चों और अविवाहित युवतियों के शवों को जलाने के बजाय नदी में बहा दिया जाता है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासनिक ऑफिसर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन का कहना है कि ये बहाए गए शव हैं और इसे किसी अपराध से जोड़कर न देखा जाए। लोगों ने गंगा बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक रामजी त्रिपाठी को दी। बाजपेयी ने शवों को दफनाने से यह कहकर रोकने की कोशिश की कि पहले इनका पोस्टमॉर्टम कराया जाए। उन्नाव एसडीएम सरयू प्रसाद शुक्ला ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस उपधारा में नदी का प्रवाह कम होने की वजह से इसमें प्रवाहित किए गए शव सतह पर आ गए। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, डरने की कोई बात नहीं है। लाशें यहां आकर इसलिए अटक गईं क्योंकि यहां पानी का स्तर कम है।