दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को तगड़ा झटका लग सकता है क्योंकि उनकी आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। इन 21 विधायकों को पिछले साल दिल्ली सरकार ने मंत्रियों का संसदीय सचिव बनाया था। इन विधायकों में अल्का लांबा, आदर्श शास्त्री और जरनैल सिंह जैसे नाम हैं। दरअसल दिल्ली के वकील प्रशांत पटेल ने एक याचिका दायर की थी। इसमें शिकायत की गई थी कि दिल्ली के विधायक लाभ के पद पर बैठे हैं। सीएम केजरीवाल ने इन 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया है। यह संविधान का उल्लंघन है। इसके बाद चुनाव आयोग ने मामला संज्ञान में लेते हुए इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
नोटिस का जवाब देने के लिए 11 अप्रैल तक का वक्त दिया गया था लेकिन 21 विधायकों में एक ने भी जवाब नहीं दिया। चुनाव आयोग ने इन विधायकों से पूछा था कि क्यों न उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाए। चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक अब मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त मिलकर फैसला लेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति से क्या सिफारिश करनी है और आखिरी फैसले पर राष्ट्रपति अपनी मुहर लगाएंगे। अधिकारी के मुताबिक इससे पहले भी विधायकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है तो कुछ भी संभव है।
वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के मुताबिक दिल्ली के 21 विधायकों पर सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि संसदीय सचिव का पद ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट के दायरे में आता है और कानून के हिसाब से दिल्ली में केवल एक संसदीय सचिव हो सकता है और वह भी मुख्यमंत्री के दफ्तर से जुड़ा।